
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रविवार को बादल फटने के बाद अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा दी। कई मकान और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि दर्जनों वाहन मलबे में फंस गए। कई इलाकों में लोगों को घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और अन्य राहत एजेंसियां तेजी से राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
तीन लोगों की मौत, 100 से ज्यादा लोगों को बचाया गया
सेरी बागना गांव में दो सगे भाइयों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। धर्म कुंड गांव में लगभग 40 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 10 पूरी तरह नष्ट हो गए। पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने 100 से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित बाहर निकाला और राहत कैंपों में भेजा।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने जताया दुख
मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने बाढ़ से हुई जनहानि और संपत्ति के नुकसान पर गहरा दुख व्यक्त किया। सीएम ने केंद्र सरकार से मुआवजा और सहयोग की मांग की है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सभी प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है।
सड़क संपर्क बाधित, हाईवे पर भारी नुकसान
जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं। इससे हाईवे पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया। बनिहाल सुरंग के पास एक पुल भी टूट गया है।
राहत शिविरों में मिल रही मदद
फंसे हुए लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है जहां सेना द्वारा भोजन और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। स्थानीय लोग छतों से अपने घरों और आस-पास के इलाके का मलबा देखकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं।