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Times News Hindi,Digital Desk: Wipro Ltd के शेयर गुरुवार को बाजार खुलते ही 6% से अधिक की गिरावट के साथ 232.15 रुपये के निचले स्तर पर आ गए। इस गिरावट के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप घटकर 2.45 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

शेयर बाजार में आज की शुरुआत ही कमजोर रही, खासकर आईटी सेक्टर के शेयरों ने ग्लोबल बाजारों के दबाव में गिरावट दर्ज की। विप्रो के शेयरों पर चौथी तिमाही (Q4 FY25) के नतीजों का नकारात्मक असर साफ नजर आया। तकनीकी दृष्टिकोण से देखें तो अब विप्रो के शेयर के लिए 228 रुपये का महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल ही बचा है। अगर आने वाले दिनों में यह स्तर टूटता है तो शेयर में और गिरावट आ सकती है और यह 215 रुपये तक जा सकता है।

विप्रो के चौथी तिमाही के वित्तीय परिणाम

मार्च 2025 में समाप्त तिमाही में विप्रो का शुद्ध लाभ 3,570 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 2,835 करोड़ रुपये की तुलना में 26% अधिक है। हालांकि, कंपनी के आईटी सर्विस सेगमेंट का राजस्व 2,596.5 मिलियन डॉलर रहा, जो तिमाही दर तिमाही आधार पर 1.2% और सालाना आधार पर 2.3% की गिरावट दिखा रहा है। स्थिर मुद्रा में भी राजस्व तिमाही दर तिमाही 0.8% और सालाना 1.2% गिरा है।

कंपनी के CEO श्रीनि पल्लिया ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की समाप्ति पर बड़ी डील बुकिंग में वृद्धि हुई और क्लाइंट संतुष्टि स्कोर बेहतर हुए हैं।

ब्रोकरेज हाउसेस के नजरिए में बदलाव

Q4 परिणामों के बाद कई ब्रोकरेज ने विप्रो पर अपने नजरिए को कमजोर किया है। नुवामा ने विप्रो की रेटिंग को 'होल्ड' पर घटाकर टारगेट प्राइस 260 रुपये तय किया है, जो पहले 300 रुपये था। नुवामा का कहना है कि वैश्विक मैक्रो अनिश्चितता और कमजोर Q1FY26 गाइडेंस से वित्त वर्ष 2026 के ग्रोथ आउटलुक पर दबाव रहेगा।

च्वाइस ब्रोकिंग ने भी विप्रो की रेटिंग घटाकर 'रिड्यूस' की है, और शेयर का लक्ष्य मूल्य 252 रुपये रखा है। हालांकि ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वैश्विक टैरिफ विवादों के समाधान के बाद मांग में सुधार आ सकता है, लेकिन वित्त वर्ष की कमजोर शुरुआत से पूरे वर्ष की ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।


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