भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने धोखाधड़ी से लड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है. आरबीआई (RBI) ने बैंकों से कहा कि वे उसकी पहल 'म्यूलहंटर डॉट एआई' (MuleHunter.AI) के साथ सहयोग करें, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी (Financial Fraud) के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फर्जी खातों (Mule Accounts) को हटाया जा सके.
बता दें कि म्यूल खाता (Mule Account) एक बैंक खाता है, जिसका इस्तेमाल अपराधी अवैध तरीके से पैसा लूटने के लिए करते हैं. गुमनाम व्यक्ति इन खातों को खोलकर इसमें लोगों से ठगी के पैसे जमा करवाते हैं. इन खातों से फंड ट्रांसफर का पता लगाना और उसे वापस पाना मुश्किल होता है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने कहा, धोखाधड़ी करने वालों द्वारा ठगी की रकम को ट्रांसफर करने के लिए म्यूल खातों का इस्तेमाल एक सामान्य तरीका है.
HOW IT WORKS:
उन्होंने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा कि आरबीआई इस समय वित्तीय धोखाधड़ी को पूरी तरह से रोकने के लिए एक हैकथॉन चला रहा है. दास ने कहा कि इस दिशा में रिजर्व बैंक की सहायक इकाई रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH ने 'म्यूलहंटर डॉट एआई' (MuleHunter.AI) नामक एक एआई मॉडल तैयार किया है. यह मॉडल कुशलता के साथ फर्जी खातों का पता लगाता है.
दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ एक पायलट परियोजना से उत्साहजनक नतीजे मिले हैं. गवर्नर ने कहा कि इस पहल को और विकसित करने के लिए आरबीआईएच के साथ बैंकों को सहयोग करना चाहिए.
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