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Times News Hindi,Digital Desk : मारुति सुजुकी के हालिया वित्तीय नतीजों के बाद कंपनी के मैनेजमेंट की टिप्पणियों ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने वित्त वर्ष 2026 के लिए घरेलू बिक्री में धीमी ग्रोथ का अनुमान जताया है। उनके मुताबिक, आगामी वित्त वर्ष में वॉल्यूम ग्रोथ मात्र 1-2 फीसदी तक सीमित रह सकती है। ऐसे में ग्रोथ का मुख्य आधार सिर्फ एक्सपोर्ट रहेगा, जिसमें 20 फीसदी तक वृद्धि की संभावना है।

कंपनी का कहना है कि छोटे और एंट्री-लेवल कार सेगमेंट में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। पिछले पांच वर्षों में इस सेगमेंट में बिक्री लगभग 10 फीसदी घट चुकी है। दरअसल, देश में लगभग 20-30 करोड़ घरों की वार्षिक आय पांच लाख रुपये से कम है, जबकि करीब 30 फीसदी घरों की आय 5 से 12 लाख रुपये के बीच है। मात्र 12 फीसदी घर ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 12 लाख से अधिक है। ऐसे में कारों की बढ़ती कीमतें निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को बाजार से बाहर कर रही हैं।

कारों की कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह नियामकीय बदलाव और कमोडिटी कीमतों में वृद्धि बताई जा रही है। इस समस्या का समाधान सिर्फ टैक्स में कटौती से संभव नहीं है, बल्कि GST दरों को और तर्कसंगत बनाने की जरूरत होगी।

मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 के मुकाबले वित्त वर्ष 2026 में घरेलू बाजार में ग्रोथ घटकर सिर्फ 1-2 फीसदी रहने की संभावना है। वहीं एक्सपोर्ट में वृद्धि, जो वित्त वर्ष 2025 में 17 फीसदी थी, वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर 20 फीसदी तक पहुंच सकती है।

शेयर बाजार में मारुति के शेयर का प्रदर्शन भी मिला-जुला रहा। फिलहाल मारुति का शेयर लगभग 0.98 फीसदी की बढ़त के साथ 11,800 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा है। आज इसका दिन का निचला स्तर 11,332.05 रुपये रहा, जबकि ऊपरी स्तर 11,898.35 रुपये दर्ज किया गया।

मार्केट के जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में मारुति के सामने चुनौतियां बरकरार रहेंगी, जिससे शेयर पर दबाव बन सकता है। निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।


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