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भारत के टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने नियमों में बदलाव किया है। अब मोबाइल कंपनियों को सिर्फ कॉल और एसएमएस के लिए ही रिचार्ज प्लान ऑफर करना होगा। इसका मतलब अब डेटा लेने की जरूरत नहीं है. सोमवार को घोषित नए नियमों का उद्देश्य उन ग्राहकों को विकल्प प्रदान करना है जो मोबाइल डेटा का उपयोग नहीं करते हैं। इसके साथ ही विशेष रिचार्ज कूपन की वैधता मौजूदा 90 दिनों से बढ़ाकर अधिकतम 365 दिन कर दी गई है।

किसे होगा फायदा: 
इस बदलाव से भारत की बड़ी आबादी को फायदा होगा, खासकर करीब 15 करोड़ 2जी यूजर्स  डुअल सिम कार्ड वाले लोगों, बुजुर्गों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को। यह ग्राहकों को अप्रयुक्त डेटा पर अतिरिक्त खर्च करने के बजाय केवल उन सेवाओं के लिए भुगतान करने की अनुमति देता है जिनकी उन्हें आवश्यकता है।

15 करोड़ फीचर फोन यूजर्स: 
ट्राई के मुताबिक , टेलीकॉम कंपनियों के डेटा से पता चलता है कि भारत में करीब 15 करोड़ लोग अभी भी फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसीलिए ऐसे रिचार्ज प्लान की जरूरत है जिसमें डेटा शामिल न हो।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई)। टेलीकॉम कंपनियों को कम से कम एक स्पेशल रिचार्ज पैक उपलब्ध कराना होगा. इसमें केवल कॉल और एसएमएस का शुल्क लिया जाता है, कोई डेटा पैक नहीं दिया जाता है। 

ट्राई की यह पहल उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करेगी, लेकिन यह रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के प्रयासों के खिलाफ है। ये कंपनियां ग्राहकों को 2जी से 4जी या 5जी नेटवर्क पर लाने की कोशिश कर रही हैं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य अपने एआरपीयू को बढ़ाना है, इसलिए वे ऐसे प्लान पेश कर रही हैं जिनमें असीमित डेटा और वॉयस सेवाएं शामिल हैं। 

ट्राई ने लोगों से बातचीत की और पाया कि कई लोगों, खासकर बुजुर्गों, जिनके पास घर पर ब्रॉडबैंड है और जो तकनीक से ज्यादा परिचित नहीं हैं, उन्हें डेटा के साथ आने वाले प्लान की जरूरत नहीं है। इसलिए ट्राई ने फैसला किया है कि कंपनियां सिर्फ कॉल और एसएमएस के लिए ही प्लान पेश करेंगी। 

 

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