पहले के समय में लड़का-लड़की देखते समय उम्र के बारे में बहुत कम चर्चा होती थी... पहले शादी के बारे में संपत्ति, रुतबा, काम, आमदनी, खूबसूरती के बारे में ज्यादा सोचा जाता था।
जब लड़के-लड़कियाँ अपने मनपसंद वर-वधु चुनने लगे तो आपसी सपनों का आदान-प्रदान और उम्र के फासले को लेकर चर्चा शुरू हो गई।
फिर भी लड़की और लड़के के बीच उम्र का फासला बहुत मायने रखता है। पति-पत्नी के बीच उम्र का कितना अंतर होना चाहिए, इसका जिक्र भी आचार्य चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में किया है।
यह नहीं कहा जा सकता कि समान विचारधारा वाले लोगों के बीच विवाह समस्याओं के बिना नहीं है। फिर भी लड़की और लड़के के बीच उम्र का फासला बहुत मायने रखता है।
अर्थशास्त्री होते हुए भी चाणक्य ने वर-वधू के बीच दूरी की बात कही थी। चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी के बीच उम्र में जितना फासला हो उतना ही अच्छा है। 3 से 5 साल का अंतराल बहुत अच्छा है.
पत्नी और पति की उम्र के बीच जितना अधिक अंतर होता है, दंपत्ति शारीरिक रूप से उतना ही अधिक खुश होते हैं। मानसिक रूप से भी वे काफी मेल खाते हैं। एक दूसरे को समझने में सक्षम. दोनों के बीच अलग-अलग राय की कमी है. इसलिए आचार्य चाणक्य ने कहा है कि पति-पत्नी के बीच उम्र का फासला हो तो अच्छा है।
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