
मुंबई आतंकी हमलों का सबसे बड़ा चेहरा और मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की गिरफ्त में है। इस खबर ने देश भर में फिर से उस दर्दनाक दिन की यादें ताजा कर दी हैं, जब 26 नवंबर 2008 को मुंबई शहर आतंक के साये में कांप उठा था। उस हमले में 160 निर्दोष लोगों की जान गई थी और देश को एक ऐसा घाव मिला था, जो आज तक पूरी तरह भर नहीं पाया।
भारत लाया जा रहा है तहव्वुर राणा
64 वर्षीय तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत लाया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, 10 अप्रैल की दोपहर तक उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया जाएगा, जहां राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम उसकी गिरफ्तारी करेगी। NIA और रॉ (R&AW) की एक संयुक्त टीम उसे अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत ला रही है। एक बार भारत आने के बाद, उससे गहन पूछताछ की जाएगी और उसे तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जो देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक मानी जाती है।
पाकिस्तान ने झाड़ा पल्ला
तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान की ओर से बयान आया है, जिसमें उसने राणा से किसी भी प्रकार के संबंध से इंकार कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि तहव्वुर राणा एक कनाडाई नागरिक है और उसके पाकिस्तान से जुड़े दस्तावेज पिछले दो दशकों से अपडेट नहीं किए गए हैं। यह बयान उस वक्त आया है जब दुनिया भर में भारत की आतंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सराहना हो रही है।
मुंबई हमलों की टीस फिर हुई ताजा
जब भी तहव्वुर राणा या 26/11 की बात होती है, देश की आंखों में आंसू और दिल में गुस्सा दोनों उमड़ पड़ते हैं। उस रात जो हुआ, वो सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा पर चोट थी। देश के कई परिवार आज भी उस दर्द को महसूस करते हैं। अब जब राणा भारत की गिरफ्त में है, तो यह उन परिवारों के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच भारत वापसी
सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा की सुरक्षा के लिए कई स्तरों की व्यवस्था की गई है। दिल्ली एयरपोर्ट को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एयरपोर्ट के भीतर और बाहर स्पेशल कमांडो यूनिट्स, SWAT टीम और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। जैसे ही राणा एयरपोर्ट पर उतरेगा, उसे तुरंत सुरक्षा घेरे में ले लिया जाएगा। उसके चारों तरफ ऐसा सुरक्षा घेरा होगा कि कोई परिंदा भी पर नहीं मार सके।