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Shatavari Benefits : शतावरी, जिसे संस्कृत में "सौ जड़ों वाला पौधा" कहा जाता है, एक झाड़ीदार लता के रूप में जानी जाती है जो अपने नन्हे नुकीले हरे पत्तों के कारण घर और बगीचों की सुंदरता बढ़ा देती है। लेकिन इसकी असली पहचान सिर्फ इसके आकर्षक रूप तक सीमित नहीं है। आयुर्वेद में शतावरी का एक विशेष स्थान है। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार, यह पौधा विशेषकर महिलाओं की सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी माना गया है।

इसमें ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो न केवल महिलाओं की शारीरिक समस्याओं में राहत देते हैं, बल्कि पाचन, त्वचा, नींद, थकान, माइग्रेन, संक्रमण, मधुमेह और बवासीर जैसी समस्याओं से लड़ने में भी मदद करते हैं।

सेहत के लिए वरदान : शतावरी

पंजाब के 'बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' के डॉ. प्रमोद आनंद तिवारी ने बताया कि शतावरी स्वास्थ्य के लिए एक बहुपयोगी जड़ी-बूटी है। इसके नियमित सेवन से न केवल शरीर को ताकत मिलती है, बल्कि मानसिक संतुलन भी बेहतर होता है। यह पौधा शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है और संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

शतावरी के फायदे

डॉ. तिवारी के अनुसार, शतावरी के पौधे के सभी हिस्सों जैसे तना, पत्तियां और जड़ें औषधीय महत्व की होती हैं। इसका प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है, जैसे कि:

अनिद्रा और नींद की कमी

सर्दी-खांसी और बार-बार जुकाम

पुराने घाव और उनकी भरने की प्रक्रिया

मूत्र संबंधित समस्याएं और पथरी

सिरदर्द और माइग्रेन

नेत्र रोग और बुखार

बवासीर

शतावरी महिलाओं के मासिक धर्म चक्र को संतुलित करने में मदद करती है। यह हार्मोनल असंतुलन को नियंत्रित करती है और गर्भधारण की संभावना को बढ़ावा देती है। इसके साथ ही, रजोनिवृत्ति के लक्षणों को भी कम करने में यह सहायक मानी जाती है।

शतावरी में पाए जाने वाले पोषक तत्व

शतावरी सिर्फ एक जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें पाए जाते हैं:

फाइबर: जो पाचन को सुधारता है और कब्ज से राहत दिलाता है।

प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट : शरीर को ऊर्जा और मजबूती प्रदान करते हैं।

विटामिन्स : विशेष रूप से विटामिन K, E और C जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं और त्वचा की सेहत बढ़ाते हैं।

आयरन और कैल्शियम : रक्त निर्माण और हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक।

मैंगनीज, सेलेनियम और जिंक : जो शरीर की सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं।

एंटीऑक्सीडेंट्स : जो फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं और उम्र के प्रभाव को धीमा करते हैं।

शतावरी का काढ़ा और उसके फायदे

शतावरी की जड़ से बना काढ़ा एक शक्तिशाली घरेलू उपाय है। इसका नियमित सेवन महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और ऐंठन को कम करता है। यह पेट की गैस, जलन, अपच और वात संबंधी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।

इसका काढ़ा मानसिक तनाव को भी कम करता है और अनिद्रा की समस्या को दूर करता है। जो लोग बार-बार थकान महसूस करते हैं या जिनकी नींद पूरी नहीं होती, उनके लिए शतावरी का यह काढ़ा एक प्राकृतिक उपाय है।

काढ़े का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है, जिससे यह मौसमी संक्रमण, जुकाम और बुखार से लड़ने में सहायक होता है। शतावरी का यह रूप एनीमिया, यानी खून की कमी को दूर करने में भी कारगर माना जाता है।


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