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Lucknow : राणा सांगा को लेकर उठी बहस अब सियासी संघर्ष का रूप ले चुकी है। करणी सेना ने राणा सांगा के मुद्दे को लेकर सार्वजनिक रूप से तलवारें और हथियार लहराकर प्रदर्शन किया है, जबकि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नेता का समर्थन करते हुए सख्त रुख अपनाया है। इस विवाद के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव पर कांशीराम का अपमान करने का आरोप लगाया है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो साझा कर इस मुद्दे को और अधिक उभार दिया है।

दलित समुदाय के सम्मान पर सवाल

अमित मालवीय ने जो वीडियो शेयर किया, उसमें अखिलेश यादव एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहते हैं कि अगर बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम को लोकसभा में पहुंचाने का श्रेय किसी को जाता है, तो वह समाजवादी पार्टी और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को जाता है। उन्होंने कहा कि उस दौर में कांशीराम किसी भी सीट से जीत नहीं पा रहे थे, लेकिन समाजवादी लोगों ने उन्हें जिताया।

इस बयान को लेकर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमित मालवीय ने कहा कि अखिलेश यादव पहले तो राणा सांगा को गद्दार कहने वाले अपने सांसद का समर्थन कर क्षत्रिय समाज का अपमान कर चुके हैं, और अब वे दलित समाज के प्रेरणास्त्रोत कांशीराम का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ मुलायम सिंह को कांशीराम से बड़ा दिखाने के लिए यह बयान दिया गया, जो पूरे दलित समाज के सम्मान के खिलाफ है।

मुख्यमंत्री आवास को लेकर बयान

अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास को लेकर भी एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि जब मायावती मुख्यमंत्री थीं और वे उस आवास में रहती थीं, तो उन्होंने कभी भी आवास को गंगाजल से नहीं धुलवाया। लेकिन जब वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वह आवास ग्रहण किया, तो उन्होंने पहले उसे गंगाजल से शुद्ध कराया। अखिलेश का कहना है कि यह एक स्पष्ट भेदभाव है जो आज भी समाज में मौजूद है।

संविधान पर ज़ोर, बीजेपी पर कटाक्ष

अखिलेश यादव ने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कुछ लोग देश को संविधान से नहीं, बल्कि अपने निजी अहंकार से चलाना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश को संविधान के अनुसार ही चलना चाहिए। इस दौरान उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के प्रसिद्ध नारे 'जय जवान, जय किसान' में एक नया नारा जोड़ने की अपील की – 'जय संविधान'।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश ने एक निजी अनुभव साझा किया। उन्होंने पूछा कि क्या किसी ने मुख्यमंत्री को क्रिकेट खेलते देखा है? फिर खुद ही जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने एक बार देखा था – गेंद तीन बार उछली, लेकिन फिर भी वे उसे हिट नहीं कर पाए।


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