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Benefits Of Chanting Lakshmi Mantra : हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करता है। हम सभी चाहते हैं कि हमारे घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे और लक्ष्मी जी की कृपा हमारे परिवार पर बनी रहे। इसके लिए लोग पूजा-पाठ, अनुष्ठान और मंत्र जाप जैसे कई प्रयास करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक प्राचीन कथा के अनुसार, एक खास मंत्र का जाप करने से जीवन में कभी दुख, दरिद्रता या नकारात्मकता नहीं आती?

आज हम इसी चमत्कारी मंत्र और उससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में विस्तार से जानेंगे, जो न केवल लक्ष्मी जी को प्रसन्न करती है, बल्कि हमारे जीवन को भी खुशियों और धन-समृद्धि से भर देती है।

लक्ष्मी जी और भगवान शिव की पौराणिक कथा

यह कथा उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है जो यह सोचते हैं कि केवल विधि-विधान से ही देवी-देवताओं की कृपा मिलती है। इसमें एक गहरी भावना और समर्पण की आवश्यकता है। कथा के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी भगवान विष्णु के चरणों में बैठी थीं जबकि विष्णु जी शेषनाग पर लेटे हुए विश्राम कर रहे थे। उस समय भगवान विष्णु का मन पूरी तरह ध्यान में लीन था और उनका ध्यान किसी और पर केंद्रित था।

लक्ष्मी जी को यह जानकर दुख हुआ कि उनके पति के मन में कोई और बसा है। जब उन्होंने ध्यान लगाया, तो उन्हें यह ज्ञात हुआ कि भगवान विष्णु शिव जी का ध्यान कर रहे हैं। यह जानकर वे आहत हो गईं और सोचने लगीं कि उनके पति के मन में कोई और कैसे बस सकता है। इसके बाद उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या शुरू की। सालों तक तपस्या करने के बाद भी जब शिव जी प्रकट नहीं हुए, तब उन्होंने अपना स्तन काटकर आहुति दी।

उनकी यह कठोर तपस्या देखकर भगवान शिव प्रकट हुए। लक्ष्मी जी ने उनसे अपनी व्यथा साझा की और कहा कि वे चाहती हैं कि उनके पति के दिल में सिर्फ वे ही रहें। तब भगवान शिव मुस्कराए और तथास्तु कहा। इसके बाद से भगवान विष्णु के हृदय में केवल माता लक्ष्मी का वास हुआ और शिव जी ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

लक्ष्मी जी ने प्रसन्न होकर कहा कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से इस मंत्र का उच्चारण करेगा –
"ॐ विष्णु हृदय निवासिनी लक्ष्मी वयं प्रणमामि",
उसके जीवन से सभी नकारात्मकता, दुख और दरिद्रता दूर हो जाएगी।

लक्ष्मी मंत्र का महत्व और लाभ

यह मंत्र कोई साधारण शब्दों का मेल नहीं है। इसमें वो ऊर्जा और शक्ति है जो हमारे जीवन को पूरी तरह बदल सकती है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो आर्थिक तंगी, पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव या जीवन में रुकावटों का सामना कर रहे हैं।

1. धन और समृद्धि का वरदान
इस मंत्र का नियमित जाप करने से लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यह मंत्र उन्हें अत्यंत प्रिय है। जो भी इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ उच्चारित करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं रहती। चाहे वह नौकरी में हो या व्यवसाय में, धन की आवक में वृद्धि होती है और घर में ऐश्वर्य बना रहता है।

2. घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार
यह मंत्र घर के वातावरण को शुद्ध और शांत बनाता है। जब घर में लगातार नकारात्मकता महसूस हो रही हो, विवाद बढ़ रहे हों या माहौल भारी हो, तो इस मंत्र का जाप वातावरण को पूरी तरह बदल सकता है। इसकी ऊर्जा घर में शांति, प्रेम और सुख का संचार करती है।

3. मानसिक शांति और स्थिरता
आज के समय में तनाव, चिंता और अवसाद आम समस्याएं बन चुकी हैं। लेकिन जब आप इस मंत्र का जाप करते हैं, तो मन को गहराई से शांति मिलती है। यह मानसिक स्थिरता लाता है और जीवन में स्पष्टता देता है। रोजाना सुबह या रात इस मंत्र का जाप मन को सुकून देता है।

4. व्यवसाय और नौकरी में प्रगति
जो लोग अपने कार्य में रुकावटों या असफलताओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है। इसके प्रभाव से कार्यों में सफलता मिलती है और नए अवसर प्राप्त होते हैं। यह मंत्र आत्मविश्वास भी बढ़ाता है, जिससे निर्णय लेना आसान हो जाता है।

5. वास्तु दोष का निवारण
अगर आपके घर में वास्तु दोष है, और बिना किसी बड़े बदलाव के उसे दूर करना चाहते हैं, तो यह मंत्र आपकी मदद कर सकता है। इसकी पवित्रता और ऊर्जा घर की नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मकता लाती है। इसीलिए इसे एक शक्तिशाली वास्तु शुद्धिकरण मंत्र भी माना गया है।

जप की विधि और सावधानियां

इस मंत्र का जाप सुबह सूर्योदय के समय या शाम को करें।

जाप करते समय शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।

एक निश्चित संख्या में प्रतिदिन जाप करें – जैसे 108 बार।

मन को एकाग्र करें और श्रद्धा के साथ उच्चारण करें।

किसी भी मंत्र की शक्ति तब बढ़ती है जब वह पूरे विश्वास और भक्ति के साथ किया जाए।

मंत्र:

"ॐ विष्णु हृदय निवासिनी लक्ष्मी वयं प्रणमामि"

इस मंत्र को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए और देखिए कैसे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।


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