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Lucknow : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मामला महिंगवा थाना क्षेत्र के खंतरी गांव का है, जहां ग्राम समाज की जमीन पर बिना अनुमति के रातों-रात अंबेडकर की मूर्ति स्थापित कर दी गई। जब स्थानीय प्रशासन ने इस पर आपत्ति जताई और मूर्ति हटाने की बात कही, तो ग्रामीण भड़क गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

गांववालों और पुलिस के बीच टकराव

जैसे ही पुलिस ने मूर्ति हटाने की प्रक्रिया शुरू की, ग्रामीणों की भीड़ ने इसका तीखा विरोध किया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें कुछ को सिर में गंभीर चोटें आई हैं। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले

स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इससे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लोग इधर-उधर भागने लगे, वहीं कुछ महिलाएं बेहोश हो गईं जिन्हें इलाज के लिए पास के स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया।

अस्थायी तौर पर बदली गई इलाके की स्थिति

घटना के बाद से पूरे इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने स्थिति को संवेदनशील बताते हुए लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

क्या है विवाद की जड़?

ग्रामीणों का कहना है कि जिस जगह मूर्ति स्थापित की गई है, वह पहले गांव के बाजार और सामाजिक आयोजनों के लिए प्रयोग में लाई जाती रही है। उनका दावा है कि मूर्ति लगने से अब वो स्थल आम इस्तेमाल में नहीं आ सकेगा। दूसरी ओर, विरोध करने वालों का कहना है कि मूर्ति धार्मिक और सामाजिक प्रतीक है, और इसे हटाना उनका अपमान है।

इस घटनाक्रम ने पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। प्रशासन अब मामले की जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही जा रही है।


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