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आमिर खान को बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट कहा जाता है और यह नाम उन्होंने अपने मेहनत, स्क्रिप्ट की समझ और एक्टिंग से कमाया है। लेकिन एक कलाकार होने के नाते, उनके करियर में भी ऐसे कई मौके आए जब उन्होंने कुछ फिल्मों को ठुकरा दिया – और ये फिल्में बाद में मील का पत्थर बन गईं। ये फैसले आमिर खान के करियर ग्राफ को उस ऊंचाई तक नहीं ले जा पाए जहाँ वे बाकी दो खान – शाहरुख और सलमान – से भी कहीं आगे हो सकते थे। आइए जानते हैं वे कौन सी 8 सुपरहिट फिल्में थीं जिन्हें आमिर खान ने न कह दिया था।

1. डर (1993)

यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी "डर" के लिए सबसे पहले आमिर खान को अप्रोच किया गया था। यह फिल्म उस दौर की साइकोलॉजिकल थ्रिलर थी, जिसमें विलेन को भी हीरो जितनी तवज्जो दी गई थी। आमिर को फिल्म की स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई और उन्होंने इसे रिजेक्ट कर दिया। यह किरदार फिर शाहरुख खान को मिला और उनकी करियर की दिशा ही बदल गई। शाहरुख की "क..क..क..किरण" वाली डायलॉग डिलीवरी आज भी दर्शकों को याद है। इस फिल्म ने शाहरुख को एंटी-हीरो के रूप में स्थापित किया और यशराज फिल्म्स के साथ उनकी लंबी साझेदारी की शुरुआत हुई।

इसी साल आमिर खान की "हम हैं राही प्यार के" आई थी, जो एक फैमिली ड्रामा थी और उसे भी सफलता मिली। लेकिन "डर" ने जो इम्पैक्ट शाहरुख के करियर पर डाला, वैसा इम्पैक्ट शायद आमिर के लिए भी संभव होता अगर वह इस फिल्म को करते।

2. हम आपके हैं कौन (1994)

1994 में आई यह फिल्म सिर्फ एक हिट फिल्म नहीं थी, यह भारतीय सिनेमा का कल्चर बन गई थी। सलमान खान के "प्रेम" किरदार को कौन भूल सकता है? लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म के लिए पहली पसंद आमिर खान थे। आमिर ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया और इसके बदले उन्होंने "अंदाज अपना अपना" को चुना।

"हम आपके हैं कौन" एक फैमिली ड्रामा थी जो हर उम्र के दर्शकों को पसंद आई और भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में शुमार हो गई। दूसरी तरफ "अंदाज अपना अपना" कल्ट क्लासिक बनी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसे वह सफलता नहीं मिली जो 'हम आपके हैं कौन' को मिली थी।

अगर आमिर इस फिल्म को करते, तो शायद प्रेम का किरदार एक अलग ही रंग में नजर आता और यह उनके करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट हो सकता था।

3. दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)

1995 में "डीडीएलजे" ने रोमांस की परिभाषा ही बदल दी। इस फिल्म को लेकर यशराज फिल्म्स ने सैफ अली खान और आमिर खान दोनों को अप्रोच किया था, लेकिन दोनों ने इसे रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद यह फिल्म शाहरुख खान के हिस्से आई और फिर क्या था, 'राज' और 'सिमरन' भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार किरदार बन गए।

आमिर ने उसी साल "रंगीला", "अकेले हम अकेले तुम", "बाजी" और "आतंक ही आतंक" जैसी फिल्में कीं, जिनमें से "रंगीला" ही एकमात्र बड़ी हिट साबित हुई। लेकिन अगर वह डीडीएलजे का हिस्सा होते, तो शायद उनके करियर की दिशा ही कुछ और होती।

4. दिल तो पागल है (1997)

"डर" के बाद यश चोपड़ा एक बार फिर आमिर खान को अपनी फिल्म "दिल तो पागल है" के लिए कास्ट करना चाहते थे। उन्होंने शाहरुख खान के बजाय आमिर को चुना, लेकिन किसी कारणवश आमिर ने यह फिल्म करने से इनकार कर दिया। इसके बाद यह रोल शाहरुख को मिला और उन्होंने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि वह रोमांस के किंग हैं।

1997 में आमिर की फिल्म "इश्क" रिलीज हुई, जो एक मल्टीस्टारर रोमांटिक कॉमेडी थी और उसे भी दर्शकों ने पसंद किया। लेकिन "दिल तो पागल है" जैसी क्लासिक मिस करना, आमिर के करियर के लिए एक बड़ा मिसिंग पीस रहा।

5. मोहब्बतें (2000)

आदित्य चोपड़ा की "मोहब्बतें" के लिए भी आमिर खान को मुख्य किरदार के लिए अप्रोच किया गया था। फिल्म में गुरु और शिष्य की कहानी के साथ-साथ एक रोमांटिक और इमोशनल एंगल था, जिसे शाहरुख खान ने बेहतरीन तरीके से निभाया।

आमिर ने इस फिल्म को रिजेक्ट कर दिया और उसी साल उन्होंने "मेला" में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हुई। वहीं, "मोहब्बतें" ने शाहरुख को एक नया आयाम दिया – एक मैच्योर, शांत लेकिन विद्रोही किरदार के रूप में।


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