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नववर्ष विक्रम संवत 2081 में देवदिवाली के बाद यानी आज से विवाह का दौर कब शुरू होगा, वर्ष 2024 और 2025 के अंत में कितने विवाह मुहूर्त हैं और किन तिथियों में विवाह संभव है। इसके लिए दिव्य भास्कर ने ज्योतिषी आशीष रावल से बातचीत की। उन्होंने विवाह की तिथियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। विक्रम संवत 2081 में 15 नवंबर को देवदिवाली के बाद विवाह का समय शुरू होगा, जो जून 2025 तक उपलब्ध है। विक्रम संवत 2081 में कुल 70 लग्न मुहूर्त हैं। जिनमें से अधिकतर मुहूर्त दिसंबर, फरवरी और मई में हैं।

नवंबर-दिसंबर में विवाह के लिए शुभ तिथियां 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 28 और 29 नवंबर हैं। साथ ही 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13 और 14 दिसंबर को विवाह के लिए शुभ रहेंगे। खास बात यह है कि 14 दिसंबर की आधी रात के बाद खरमास शुरू हो जाएगा, इसलिए उस तिथि पर दिन में ही शादी करना शुभ रहेगा. रात में शादी करना अशुभ हो सकता है।

साल 2024 के अंत तक मुहूर्त और तारीख 16 नवंबर से पहला मुहूर्त है, इसलिए शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा। फिर नवंबर में 16 से 22 नवंबर और 23 से 27 नवंबर तक मुहूर्त हैं, फिर दिसंबर महीने में 2 से 7 और 11 और 12 तारीख तक मुहूर्त हैं। हालांकि 15 दिसंबर से 14 जनवरी तक गर्मी का मौसम शुरू हो जाएगा.

16 दिसंबर से कामुहूर्त शुरू 16 दिसंबर से कामुहूर्त शुरू हो जाएगा और उसके बाद 1 महीने तक यानी 14 जनवरी 2025 तक मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकेंगे। धनुर्मास, खरमास यानी कामुहूर्त तब शुरू होता है जब सूर्य देव बृहस्पति की राशि धन या मीन में होते हैं। इस माह में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य, विवाह आदि कार्य या संस्कार नहीं किए जाते हैं।

ग्रहमंडल में सूर्य जगत की आत्मा है। सूर्य के प्रकाश से ही संसार कायम है। सूर्य के अत्यधिक महत्व के कारण ही हम उसे देव भगवान के रूप में पूजते हैं। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य संक्रांति प्रवेश कुंडली और सूर्य के साथ ग्रहों के शुभ-अशुभ योगों का अध्ययन कर भविष्य संकेत का विचार किया जा सकता है। 16/12/24 से सूर्य धनु राशि (अग्नि तत्व) में प्रवेश करता है। जो बृहस्पति की राशि है. और डी.टी. 13/01/25 तक इसी राशि में रहेंगे। क्षेत्राधिकार 14/01/2025 से समाप्त हो रहा है।

साल 2025 में 14 जनवरी के बाद से विवाह का दौर शुरू हो जाएगा। जिसमें जनवरी में 25, 26 और 30 एम 3 दिन का मुहूर्त है, जबकि फरवरी में सबसे ज्यादा मुहूर्त है। जिसमें 3,4,6,7 और 12 से 17 और 20 से 23 और 25 फरवरी तक मुहूर्त हैं जबकि मार्च महीने में 1 से 3 मार्च तक सिर्फ 2 ही मुहूर्त हैं।

मार्च से अप्रैल में होलाष्टक के बाद कोई मुहूर्त नहीं है क्योंकि मिनारक 14 मार्च 2025 से 14 अप्रैल 2025 तक है। फिर अप्रैल महीने में 16, 18, 19, 20, 21, 22, 25, 29 और 30 को मुहूर्त हैं, जबकि मई महीने में 1, 5, 6, 8, 9, 10, 13, 14 को मुहूर्त हैं। मई में 15, 16, 17, 20, 23 और 24 तारीखें सबसे ज्यादा हैं। जबकि जून माह में 1, 2, 5 और 6 तारीखों का मुहूर्त है।

जून के बाद बृहस्पति अस्त होने और फिर 12 जून से 7 जुलाई तक देवउठी एकादशी के कारण मुहूर्त नहीं मिल पा रहा है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह का योग नहीं बनता है। हालांकि, 6 जुलाई, देवउथी एकादशी यानी चातुर्मास की शुरुआत के बाद मुहूर्त उपलब्ध नहीं होगा। इस प्रकार इस वर्ष लगभग 70 मुहूर्त मिल रहे हैं।

वसंत पंचमी विवाह का नया मुहूर्त 2025 वसंत पंचमी का विवाह इस ऋतु में सर्वोत्तम माना जाता है। लेकिन साल 2025 में वसंत पंचमी पर विवाह संभव नहीं है। 2025 में वसंत पंचमी 2 फरवरी को है। हालाँकि, उस समय तिथि क्षय होने के कारण लग्न का मुहूर्त नहीं मिल पाता है, क्योंकि शास्त्र के नियम के अनुसार क्षय युक्त तिथि में लग्न का मुहूर्त अच्छा नहीं माना जाता है। अत: वसंत पंचमी विवाह मुहूर्त नहीं है

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