Mumbai High Court : यदि महिलाएं मुंबई सहित राज्य भर के होटलों और रेस्तरां में काम करने की अनुमति चाहती हैं, तो राज्य सरकार को ऐसा अभ्यावेदन प्रस्तुत करें। ऐसी प्रस्तुति के मामले में सरकार को छह माह के भीतर उचित निर्णय लेना चाहिए बम्बई उच्च न्यायालय गुरुवार को दिया. याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट में दलील दी थी कि रात 9:30 बजे के बाद काम पर रोक लगाने वाला नियम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिशानिर्देश भी जारी किये
कम से कम इस नियम के तहत किसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. लेकिन अब इस संबंध में कुछ नए नियम बनाए गए हैं.सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस संबंध में कुछ दिशानिर्देश भी जारी किये गये हैं. तदनुसार, याचिकाकर्ताओं को अपना प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंपने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने इजाजत दे दी
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस प्रस्ताव पर फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की भी इजाजत दे दी है.
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विभिन्न नियमों के माध्यम से यह प्रावधान किया गया कि महिलाएँ रात 9:30 बजे के बाद किसी भी प्रतिष्ठान में काम नहीं करेंगी। उसके विरोध में कुछ होटल और रेस्टोरेंट मालिक एड. वीणा थडानी द्वारा हाई कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं.
इस ओर इशारा किया गया
इस दौरान कोर्ट के ध्यान में लाया गया कि इस संबंध में संशोधित नियम जारी किये गये हैं. इस पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति एम. एस। जस्टिस सोनक और जस्टिस कमल खट्टा की पीठ ने इन याचिकाओं का निपटारा कर दिया.
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