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युवराज सिंह—एक ऐसा नाम जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में छक्कों की बौछार और मैच जिताने वाले प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। भारतीय क्रिकेट के इस महान ऑलराउंडर ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब उन्हें बीसीसीआई से कितनी पेंशन मिलती है?

अगर आप भी इस क्रिकेट दिग्गज की रिटायरमेंट लाइफ और उनकी मौजूदा पेंशन के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है।

युवराज सिंह: भारतीय क्रिकेट का चमकता सितारा

 डेब्यू और करियर की शुरुआत:

  • 2000 में भारतीय टीम में डेब्यू किया और जल्द ही टीम का अहम हिस्सा बन गए।
  • अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी और शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए मशहूर हुए।

 छह गेंदों पर छह छक्के:

  • 2007 टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड की छह गेंदों पर लगातार छह छक्के लगाकर इतिहास रच दिया।

 2011 वर्ल्ड कप हीरो:

  • इस टूर्नामेंट में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे और भारत को 28 साल बाद विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई।
  • पूरे वर्ल्ड कप में 362 रन और 15 विकेट लेकर भारतीय क्रिकेट में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर लिया।

संन्यास के बाद युवराज को कितनी पेंशन मिलती है?

युवराज सिंह ने 2019 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया, लेकिन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) की पेंशन योजना के तहत उन्हें ₹60,000 प्रति माह पेंशन मिलती है।

 कैसे तय होती है पेंशन?

  • बीसीसीआई रिटायर्ड क्रिकेटर्स को उनके खेले गए मैचों की संख्या के आधार पर पेंशन देता है।
  • युवराज ने 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 खेले हैं, इसलिए उन्हें यह पेंशन मिल रही है।

युवराज सिंह: कैंसर से जूझकर बने लोगों के लिए मिसाल

2011 वर्ल्ड कप के दौरान युवराज को कैंसर होने का पता चला, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

 कैंसर से जंग और वापसी:

  • अमेरिका में इलाज करवाने के बाद क्रिकेट में शानदार वापसी की।
  • कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए "यूवीकैन" (YouWeCan) फाउंडेशन की शुरुआत की।

आज वे न सिर्फ क्रिकेट प्रेमियों के लिए, बल्कि कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए भी एक प्रेरणा हैं।